Svamitva Scheme

Svamitva Scheme में जमीनी झगड़े खत्म हो रहा है तुरंत देखें इसे

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Svamitva Scheme के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी रिकार्ड को डिजिटल तरीके से तैयार करके भूमि विवादों को कम किया जा सके। और भूमि मालिक को Svamitva Scheme में निम्नलिखित तरीके से मालिकाना हक दिलाये जाने का कार्य किया जा रहा है।

Svamitva Scheme कार्ड क्या है

यह प्रत्येक भूस्वामी के लिए स्वामित्त्व/ प्रापर्टी कार्ड योजना है। जो भविष्य में सम्पत्ति के रूप में अपनी भूमि एक कार्ड के अन्तर्गत संस्थानों आदि में उपयोग करने के लिए एक दस्तावेज के रूप में जानी जायेगी। इसे भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल 2020 को रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में शुरू किया गया है।

यह सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और अधिक आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गयी Svamitva Scheme है। यह एक प्रकार का सम्पति सर्वेक्षण के साथ-साथ जमीनी स्तर का मानचित्रण कार्क्रम है।

Svamitva Scheme योजना का उद्देश्य

इसके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शहरी क्षेत्र जैसी सुविधायें उपलब्ध करना होता है। ग्रामीण परिवारों की जमीन को आँनलाइन स्थित दर्ज करना है। और जमीन की मैपिंग के साथ-साथ उनके सही मालिक का हक़ दिला कर पारदर्शिता स्थापित करना है। यह Svamitva Scheme डिजिटल इण्डिया का बढ़ावा देने का कार्य स्थापित करेगी। इस योजना में जमीन के मालिकाना हक को किसानों या असली मालिक को दिलाये जाने का है। जिससे किसानों को आसानी से लोन मिल सके।Svamitva Scheme

इस योजना में ड्रोन सर्वे, GIS और दूसरी आधुनिक तकनीकी को यूज करके मालिकाना हक स्पस्ट किया जाता है। इस योजन में सर्वे के लिए ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सम्पति को एक वित्तीय परिसम्पत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना होता है। इसमें ग्रामीण नियोजन हेतु सटीक भूमि अभिलेखों और जीआईएस नक्शों का निर्माण किया गया है। इससे संपत्ति कर का निर्धारण और संपत्ति सम्बन्धित विवादों को कम करने का प्रयास किया गया है।

Svamitva Scheme योजना के लाभ

इस योजना से भूमि के स्वामित्व का स्पस्ट प्रमाण मिल जाता है। और जमीन से जुड़े विवादों में कमी आ जाती है। जमीन का स्वामित्व स्पस्ट होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य भी तेजी से होने लगते हैं। वहीँ किसानों को लोन मिलने में सहूलियत हो जाती है। और किसान अपनी जमीन पर आधारित लोन कम से कम ब्याज पर ले सकते हैं।

इस तरह यह योजना ग्रामीण भारत के लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने की कोशिश कर रही है। इस Svamitva Scheme को देश की केन्द्र सरकार द्वारा वित्तपोषित किया गया है। और परियोजना के पायलेट चरण के लिए 79.65 करोंड़ रूपये आवंटित किये गये हैं। इसके लिए कांटीन्यवस (लगातार) आँप्रेटिंग सिस्टम – CORS की मदद ली जायेगी।

जोकि एक सटीक नेटवर्क, भू-सन्दर्भ, जमीनी सच्चाई, और भूमि के सीमांकन में समर्थन करता है। CORS सन्दर्भ स्टेशनों का एक नेटवर्क है। जो एक वर्चुअल बेस स्टेशन प्रदान करता है। और एक वास्तविक समय में सेंटीमीटर-स्तरीय क्षैतिज स्थित के साथ लम्बी दूरी के उच्च-सटीकता नेटवर्क सुधारों तक पहुँच की अनुमति देता है।

Svamitva Scheme की आवश्यकता क्यों है

ग्रामीण इलाकों में हम सबलोग जानते हैं। की ऐसे कई परिवार हैं। जिनकी जमीन किसी भी सरकारी आँकड़ों में दर्ज नहीं होती है। इससे उनके जमीन के स्वामित्व पर एक खतरा बना रहता है। और ऐसे लोगों को उनका Svamitva दिलाना अतिआवश्यक बनता जा रहा है। यह योजना प्रयोगाताम्क तौर पर अभी 6 राज्यों में शरू की गयी है।

एक बार पायलेट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद, इस योजना के माध्यम से भूमि मालिकानों को अधिकारों का रिकार्ड प्रदान किया जाएगा। इस योजना के द्वारा किये गये भूमि सम्पत्ति पंजीकरण को वास्तविकता के आधार पर भू मालिकों को हक दिलाया जायेगा। जोकि ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए ग्रामीण आवासीय सम्पत्तियों के मुद्रीकरण की सुविधा प्रदान की जायेगी।

Svamitva Scheme की अन्य जानकारियाँ

Svamitva Scheme में अगर किसी आदमी ने गांव की किसी भी सरकारी जमीन जैसे की तालाब की जमीन पोखरा की जमीन खलिहान चारागाह श्मशान घाट कब्रिस्तान बंजर भूमि प्रति भूमि सड़क नाली की भूमि घर गड्ढा खेल का मैदान जंगल की भूमि आदि पर अगर उसने जबरदस्ती कब्जा कर लिया है। तो उसे पर उत्तर प्रदेश की राजस्व संहिता धारा 67 की करवाई कैसे की जा सकती है। उसे कैसे बेदखल किया जा सकता है।Svamitva Scheme

और उसे पर कितना जुर्माना लगाया जा सकता है। आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ियेगा क्योंकि इस लेख के अंत में मैंने बताया है। की जमाने की गणना कैसे की जाती है। आप इस लेख में खुद ही जमीन की गणना कर सकते हैं। आपको किसी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी एक बात और ग्राम समाज की आबादी या दही आबादी में हुए कब्जे को उत्तर प्रदेश की राजा संहिता की धारा 67 के तहत नहीं हटाया जा सकता है।

इसके लिए आपको दीवानी न्यायालय जाना होगा इतना सब जानने के बाद अब हम देखेंगे की उत्तर प्रदेश की राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत अतिक्रमण हटाने की क्या प्रक्रिया है। किसी भी सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटवाने के लिए सबसे पहले आपको इस अवैध कब्जे की सूचना अपने लेखपाल साहब को देना होगा। सूचना मिलने के बाद आपके क्षेत्र के लेखपाल साहब जांच पड़ताल करेंगे।

और जांच के बाद वह प्रपत्र आरसी 19 में अवैध कब्जे की सूचना लिखित रूप में तहसीलदार को देंगे जिसमें kabjeedar का पूरा नाम और पता लिखा होगा और कब्जे का भी buroran लिखा होगा की उसने किस प्रकार से कब्जा कर रखा है। अर्थात उसने घर बनवाकर कब्जा कर रखा है। या खेती करके कब्जा कर रखा है। लेखपाल से सूचना मिलने के बाद तहसीलदार साहब kabjeeddar को एक शो काज नोटिस अर्थात कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे।

Svamitva Scheme और उसे 10 से 15 दिन का समय देंगे कब्जे को हटाने के लिए और अगर अतिक्रमणकारियों ने दिए गए समय के अंदर अपना कब्जा हटाकर सरकारी भूमि या आपकी निजी भूमि को खाली नहीं कर दिया तो भी उससे जुर्माना वसूला जाएगा की उसने इतने समय तक अवैध कब्जा कर रखा था। और अगर कब्जेदार ने नोटिस में दिए गए टाइम के अंदर अपना कब्जा नहीं हटाया तो फिर उसके खिलाफ बेदखल की करवाई शुरू की जाएगी।

मैन लीजिए की kabjedaar ने सरकारी जमीन पर पक्का मकान बनवा रखा है। तो मकान को गिरवा में जितना खर्चा आएगा वो भी उसी कब्जेदार से balpurvak वसूला जाएगा और इसके साथ-साथ ही सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जो इस कब्जे को हटवाने में लगे होंगे। उनका एक दिन का वेतन भी उसी अवैध अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा। और इतना ही नहीं इसके साथ साथ उसने जितने सालों से कब्जा कर रखा है।

Svamitva Scheme में उसी हिसाब से जोड़कर उससे उसे कब्जे का जुर्माना भी वसूला जाएगा देखो भैया इसे बहुत ध्यान से देखिएगा यह आपकी बहुत ही कम खर्चा में हो जायेगा। आज हम जानेंगे की अगर किसी व्यक्ति ने ग्राम समाज की सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। तो उसे पर कितना जुर्माना लगवाया जा सकता है। तो जमाने के अमाउंट जो है। वो उसे एरिया की सर्कल रेट पर डिपेंड करता है। लिए इसे एक एग्जांपल से समझते हैं। मैन लीजिए की किसी गांव में एक चार विश्व का तालाब है।

Svamitva Scheme के बाद जिसके 1 / 4 भाग अर्थात एक विषय पर गांव के ही सी जिनपिंग नाम के एक व्यक्ति ने कब्जा कर रखा है। क्योंकि आप लोग तो जानते ही होंगे की सी जिनपिंग चीन का राष्ट्रपति है। और वह भी इधर उधर कब्जा करता फिरता है। तो लिए जुर्माना निकलना सीखते हैं। मैन लीजिए की जिनपिंग ने जिस तालाब पर कब्जा किया है। उसे एरिया का सर्कल रेट 42 लाख प्रति हेक्टेयर है। और उसने एक विश्व पर अर्थात 0.0130 हेक्टेयर पर कब्जा कर रखा है। तब ये देखते हैं।

Svamitva Scheme मान  लीजिए सर्कल रेट 42 लाख पर देखते हैं। और उसने एक biswapak कब्जा कर रखा है। तो सबसे पहले हम एक विश्व का सर्कल रेट के हिसाब से अमाउंट निकलती हैं। तो हमने 42 लाख को एक अर्थात 0.0130 से मल्टीप्लाई किया तो हमारा आ गया 54600 ये 54600 जो है। एक विश्व का सर्कल रेट आया है। तब जुर्माना जो है 5% प्रतिवर्ष के हिसाब से लगता है।

तो एक विषय पे लगने वाला जुर्माना हमने 54600 को 5 54600 का 5% निकल लिया जो आया 2730 अब हमने 2730 निकल लिया अब हम मानते हैं। की उसने कब्जा 10 वर्ष से कर रखा था। तो 10 वर्ष से कब्जा कर रखा था इसलिए 2730 को 10 से गुना किए तो हमारा आ गया 27300 अर्थात अगर किसी व्यक्ति ने 10 वर्षों से किसी तालाब पर कब्जा कर रखा था।

Svamitva Scheme जिसका सर्कल रेट 42 लाख प्रति हेक्टेयर था और उसने उसे तालाब के सिर्फ एक विषय पर कब्जा कर रखा था। तो उसे 10 साल में 27300 माने की राशि देना होगा अगर किसी व्यक्ति को लगता है। की तहसीलदार साहब ने गलत आदेश पारित कर दिया है। तो वह 30 दिन के अंदर डीएम महोदय के यहां फुल कर सकता है। लेकिन इससे होता कुछ नहीं है।

Svamitva Scheme में बस अपने मैन की शांति के लिए अपील कर ले क्योंकि अगर सच में उसने तालाब घर गड्ढा चारागाह मतलब अगर उसने धारा 132 की लैंड पर अवैध करम कर रखा है। तो कोई भी उसे बचा नहीं सकता चाहे वह सुप्रीम कोर्ट ही क्यों चला जाए क्योंकि कोई भी नहीं कहेगा की आप सरकारी जमीन पर कब्जा किए रही है। एक चीज और यह atikrama हटाने करवाई जो है। ये कारण बताओ नोटिस के दिनांक से 90 दिन के अंदर पूर्ण कर ली जाएगी आज के लिए बस इतना ही था।

भाईयों यदि ये Svamitva Scheme मेरी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपनी राय/ प्रतिक्रिया अवश्य दीजिये।

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