Outsource Seva Nigam issued order में आउटसोर्सिंग ठेका कर्मचारी अस्थाई कर्मचारी हैं जो कि उत्तर प्रदेश Outsource Seva Nigam issued order के अन्तर्गत हैं।
Outsource Seva Nigam issued order के बारे में
Outsource Seva Nigam issued order उनके लिए तो अच्छी बात है कि उनके लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जा चुका है। कल मंगलवार को कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक थी। योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में बैठक हुई।
Outsource Seva Nigam issued order में वित्त मंत्री जी ने आके प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उसके बाद जो उन्होंने पूरा डाटा मीडिया और सभी के साथ शेयर किया कि हम आउटसोर्स सेवा निगम बना रहे हैं। जो इसकी मुख्य बातें हैं काफी साथियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है
कि आखिरकार क्या होगा क्योंकि इसमें 3 साल का यहां पर जिक्र किया गया है कि 3 साल का यहां पर टेंडर रहेगा आउटसोर्स सेवा निगम के थ्रू। तो दोस्तों आउटसोर्स सेवा निगम के थ्रू यदि टेंडर रहेगा तो आप समझिए कि आप अभी स्थाई नहीं है। आप अभी अस्थाई हैं। आपकी नौकरी सुरक्षित नहीं है।
पहली बात। दूसरी बात जो है वेतन की बातें वहां पर जो है मंत्री जी ने की थी जो वित्त मंत्री थे। उन्होंने कहा था कि 16 से 20,000 जो है आउटसोर्स कर्मचारियों की पेमेंट होगी। यानी दोस्तों चार श्रेणियां होती हैं अकुशल, अर्धकुशल, कुशल और उच्च कुशल।
यानी जो सबसे छोटा पैदाने का कर्मचारी है अकुशल कर्मचारी उसकी जो है न्यूनतम वेतन ₹16,000 होगी। उसके बाद ₹1000 1500 का अंतर के हिसाब से जो उच्च कुशल कर्मचारी रहेगा उसकी लगभग वेतन जो है 20 से ₹2,000 होने वाली है।
तो, यहां पर पूरा इन्होंने पीडीएफ शेयर किया है अपना। यह पीडीएफ बहुत लंबा है, बड़ा है दोस्तों। तो, यह पीडीएफ का हम एक-एक चीज़ आपको नहीं बता पाएंगे। लेकिन इसमें काफी अच्छी चीजें यहां पर दिखाई गई हैं।
Outsource Seva Nigam issued order में मृतक के प्रति
यदि किसी आउटसोर्स कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसे न्यूनतम ₹.5 लाख से अधिकतम ₹7 लाख एक वर्ष की सेवा के पश्चात दे होगा। है ना? यदि उसने एक साल काम किया है तो आपको लगभग ₹7 लाख मिल सकते हैं। है ना? कर्मी की मृत्यु के उपरांत पत्नी को न्यूनतम रुपए ₹1000 से ₹900 तक पेंशन दे होगी।
यानी कोई आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहा था। यदि उसकी मृत्यु होती है तो उसकी पत्नी को जो है ₹1000 पर मंथली पेंशन भी दी जाएगी। तो काफी चीजें हैं यहां पर देखिए 3 वर्ष का यहां पर देखिए यहां पर 3 वर्ष का आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन एवं एंप्लॉयमेंट निगम यूपीसीओएस द्वारा जैम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम 3 वर्ष के लिए किया जाएगा
अथवा कार्य आवश्यकता की समाप्ति तक जो पहले हो यानी आउटसोर्सिंग एजेंसी के नियम अनुसार चयन एवं एंप्लॉयमेंट होने के पश्चात एजेंसी को कार्य संपादन ना की जाने की स्थिति में ही ब्लैक लिस्ट अथवा पेनाल्टी लगाते हुए हटाया जाएगा।
एजेंसी द्वारा संतोषजनक कार्य करने पर उनके नवीनीकरण की कारवाही नियम अनुसार की जाएगी। यानी दोस्तों सीधी बात है कि पहले आपको 3 साल काम करना होगा उस कंपनी में। यदि वो कंपनी अच्छे से काम कर रही है तो उसका टेंडर रिन्यू हो जाएगा।
यानी अगले 3 साल के लिए फिर बढ़ा दिया जाएगा। यदि वह अच्छे से काम नहीं करेगी तो जो है उसको हटा के नई कंपनी यहां पर लाई जाएगी। लेकिन दोस्तों आउटसोर्स कर्मचारी वही रहेंगे। आउटसोर्स कर्मचारी को तब हटाया जाएगा जब उसके खिलाफ कोई कार्यवाही हुई होगी
Outsource Seva Nigam issued order में उसने लापरवाही बरती होगी तभी उस आउटसोर्स कर्मचारी को हटाया जाएगा। है ना? यहां पर लिखा हुआ है आउटसोर्सिंग एजेंसी होगा एवं निगम आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से विभागों की सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
गठन एवं चम जैम निवेदा के माध्यम से चयनित नई आउटसोर्सिंग एजेंसी के उपरांत भी वर्तमान में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचियों की सेवाएं ली जाएंगी। यहां पर स्पष्ट दोस्तों यहां पर मेंशन है कि जो कर्मचारी काम कर रहे थे उन्हीं को यहां सेवाएं ली जाएंगी और अंतत उन्हें वरीयता प्रदान की जाएगी। यानी जो है
उन्हें सबसे पहले यानी प्राथमिकता दी जाएगी जो आउटसोर्स कर्मचारी लगातार काम कर रहे थे। यहां पर दूसरे पॉइंट में लिखा है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 5 तारीख तक पेमेंट स्पष्ट रूप से डाले डाला जाएगा।
जो पुराने आउश कर्मचारी हैं जिनका ईपीएफ व ईएससी खाता नहीं खुला हो उनका खाता खुलवाना प्रथम दायित्व होगा। है ना? तो दोस्तों यहां पर पूरा यहां पर मेंशन किया गया। बहुत बड़ी पीडीएफ है।
Outsource Seva Nigam issued order में पेमेंट के बारे में
Outsource Seva Nigam issued order में सबका यहां पर पेमेंट अलग-अलग बताया गया है कि कौन सा पेमेंट किसका होगा। मैं आपको इकट्ठा डाटा बताऊंगा इस लेख में आपको कि आखिरकार खोना वाले का है। है ना? तो सभी की यहां पर टिप्पणी है। बहुत बड़ी पीडीएफ है।
Outsource Seva Nigam issued order यदि ये पीडीएफ में आपको चाहिए तो आप कहें तो मैं Facebook पेज पे उपलब्ध करवा दूंगा। तो आप इसको आराम से पढ़ सकते हैं। है ना? अब मैं आपको दोस्तों जो इसका सारसार है लेख का मैं आपको वो बताने वाला हूं जो मुख्य रूप से यहां पर आप सभी को लाभ मिला है।
ये देखिएगा आउटसोर्स कर्मचारियों का आर्थिक शोषण अब रुकेगा। ये निगम की प्राथमिकता है। है ना? पहला पॉइंट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 16000 से 20,000 मासिक मानदेय मिलेगा। कर्मचारियों का मैनेजमेंट उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम करेगा।
निगम सरकारी ईमार्केट ट्रिपलेस यानी जैम पोर्टल के माध्यम से सेवा प्रदानताओं का चयन करेगा। 26 कार्य के लिए नियुक्ति होगी। यहां पर दोस्तों 26 दिन का ही आपको जो है पेमेंट मिलेगा। जो संडे का पैसा होता है वह आपको नहीं दिया जाएगा।
जो चार रविवार होते हैं उसका पैसा आपको बिल्कुल भी नहीं मिलेगा। स्पष्ट यहां पर उल्लेख किया गया है। एक से पांच के बीच मानदेय खाते में आ जाएगा। यानी एक से पांच तारीख का आपका खाते में जो पैसा है वो आ जाएगा। नियुक्ति 3 साल के लिए होगी।
Outsource Seva Nigam issued order में आगे रिन्यूल किया जाएगा। यानी नियुक्ति सिर्फ 3 साल के लिए होगी। इसके बाद जो है आपका रिन्यूल हो जाएगा। अगले 3 साल के लिए वो 3 साल पूरे हो जाएंगे तो फिर अगले 3 साल के लिए रिन्यूल यहां पर किया जाएगा।
किसी कर्मचारी की मृत्यु या अंतिम संस्कार के लिए ₹15,000 भी दिए जाएंगे। यदि कोई कर्मचारी खत्म हुआ है तो उसका जो अंतिम संस्कार है उसमें आपको ₹15,000 दिए जाएंगे। नियुक्ति में ओबीसी, एससी, एसटी, पूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा।
Outsource Seva Nigam issued order में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलने की शिकायतें आती थी। मगर अब ऐसा नहीं होगा। सिर्फ कर्मचारी माध्यम रहेगी। पैसा जो है सीधा अकाउंट में आएगा। जो पैसा काटा जाता था बीच में वो पैसा अब नहीं कटेगा।
तो ये पूरा सार है आउटसोर्सिंग निगम का जो मुख्य चीजें हैं वो मैंने आपको बता दी हैं। यहां पर पूरी इस पीडीएफ में पेमेंट का भी ब्यरा इसमें दिया है कि किस कर्मचारी को और कौन से कर्मचारी कैसे रूप में जो है उनके पेमेंट भी मिलेगा।
तो ये तमाम चीजें इस लेख में मैंने आपको बताई हैं। लेख अच्छा लगे तो चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिएगा। वीडियो को शेयर कर दीजिएगा। आप इस लेख को चाहते हैं तो हमारे पेज आउटसोर्स समदा न्यूज़ को फॉलो कर लीजिए।
हम उस पर यह आपको जो है प्रोवाइड करवा देंगे ताकि आपको इसमें पढ़ने में सुविधा हो। वैसे भी आपके WhatsApp ग्रुप्स या Instagram या Telegram ग्रुप्स में आपके पास पहुंच चुकी होगी।
Outsource Seva Nigam issued order में विभाग की भागीदारी
Outsource Seva Nigam issued order इसमें विभिन्न मंत्री या विभागीय मंत्री या जो भी हैं सभी के इसमें टिप्पणी यहां पर दी गई है दोस्तों। तो एक प्रकार से खुशखबरी है और दूसरे प्रकार से यहां पर आपको जो है नियमित नहीं किया गया है। ना ही आपकी जॉब सुरक्षा है।
सिर्फ यहां पे यही कहा गया है कि 3 साल तक जो है टेंडर होगा। उसके बाद फिर रिन्यूल होगा फिर रिन्यूल होगा। है ना? इसमें ऐसा इसमें कहा गया है दोस्तों। तो दोस्तों ये पूरी अपडेट थी जो हमने आपको बताई है। तो दोस्तों चैनल को सब्सक्राइब जरूर करिएगा।
Outsource Seva Nigam issued order में बाकी आप जानते हैं कि क्या हुआ क्या नहीं हुआ है वो हमने आपको पूरा पहले ही बता चुका हैं और जो खन्ना जी का लेख था वो भी हम चैनल पर डाल चुके हैं तो वो भी आप देख सकते हैं उसमें इन्होंने क्या किया है तो जय हिंद दोस्तों मिलते हैं नये लेख में नई अपडेट के साथ थैंक्स
दोस्तों मेरी Outsource Seva Nigam issued order की जानकारी में अपनी राय और प्रतिक्रिया अवश्य करें। जिससे मैं आयी हुयी कमियों में हम सुधार कर सकें।