Outsourcing Workers In UP के लिए जो मानदेय है वह अब ₹18 से ₹20 हजार तक होगा। जिसमें सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को तीन वर्ष के लिए Outsourcing Workers In UP में सेवा का अवसर मिलेगा।
Outsourcing Workers In UP के बारे में
Outsourcing Workers In UP के लिए एक तारीख से लेकर 5 तारीख तक इनका वेतन मिल जाएगा। जितने भी चाहे जो प्रोविडेंट फंड का जो प्रोविजन है ईएसआई का है वो सब कुछ इनके खाते में ही जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मंगलवार को राजधानी लखनऊ में कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में 16 प्रस्ताव पेश किए गए थे।
Outsourcing Workers In UP वालों के लिए पारित प्रस्ताव
Outsourcing Workers In UP के लिए जिनमें से 15 प्रस्ताव पास हो गए और कृषि से जुड़ा एक प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया। कैबिनेट बैठक में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर एक अहम फैसला किया गया है। यूपी में अब सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती सरकार खुद करेगी।
जिसके लिए निगम के तहत एक कंपनी बनाई जाएगी। बता दें कि आउटसोर्स कर्मचारियों को हर महीने 16 से ₹00 सैलरी यानी मानदे दिया जाएगा और महीने में 26 दिन ही काम करना होगा। जिसमें कर्मचारियों की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी जिसके बाद रिन्यूल भी किया जाएगा।
Outsourcing Workers In UP के लिए इससे पहले आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में एक साल का कॉन्ट्रैक्ट होता था। इसके अलावा आउटसोर्स कर्मचारियों को अब हर महीने की एक से 5 तारीख तक सैलरी भी मिल जाएगी जो सीधे उनके खाते में दी जाएगी।
Outsourcing Workers In UP और साथ ही पीएफ और ईएसआई की सुविधा भी कर्मचारियों को मिलेगी। व सरकारी विभाग की तरह इन भर्तियों में महिला कर्मी को मैटरनिटी लीव भी दी जाएगी। बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्थाई पदों पर आउटसोर्स से भर्ती नहीं होगी।
Outsourcing Workers In UP के लिए नियम्तीकरण, वेतन की चर्चा
यानी स्थाई पदों पर सरकारी प्रक्रिया से ही भर्ती की जाएगी। साथ ही योगी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि आउटसोर्स भर्ती पारदर्शी परीक्षा और इंटरव्यू से की जाएगी। सरकार के जिनजिन विभागों में पद खाली हैं, वह नए निगम को भर्ती का प्रस्ताव बनाकर देंगे।
जिसके बाद निगम जरूरत के मुताबिक आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करेगा। फिर फाइनल अभ्यर्थियों की लिस्ट विभाग को दी जाएगी। वहीं आउटसोर्सिंग भर्ती के लिए गठित निगम जेम पोर्टल से ही कर्मियों के आवेदन लेगा।
Outsourcing Workers In UP के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम की का कंपनीज एक्ट 2013 के सेक्शन आठ के अंतर्गत एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी नॉन प्रॉफिटेबल का जो गठन किया गया है।
उसी के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों तथा संस्थाओं में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्मिकों की सेवाएं जो दी जा रही हैं उसको बेहतर बनाने के लिए आज मंत्री परिषद के समक्ष एक प्रस्ताव आया है।
Outsourcing Workers In UP को इसमें विशेष बात यह है कि नियमित पदों के अगेंस्ट इसमें आउटसोर्स या संविदा पर नहीं दिए जाएंगे। साथ ही साथ जो निगम है वो जम पोर्टल के माध्यम से सर्विस प्रोवाइडर तय करेंगे।
एजेंसी तय करेंगे और इन लोगों का जो मानदेय है वो ₹18,000 से ₹20000 तक होगा। साथ ही साथ यदि किसी प्रकार की अनिमितता पाई जाती है तीन वर्ष के लिए इनको सेवा का अवसर मिलेगा और किसी प्रकार की अनिमितता पाई अगर जाती है तो विभाग की संस्कृति पर जो एजेंसी है
निगम के भी संज्ञान में लाकर उसकी सेवाओं को समाप्त किया जा सकता है। नियुक्ति की अवधि तीन वर्ष होगी और मैं समझता हूं कि अभी तक के जो आउटसोर्सिंग के लोग जो तरह-तरह की बातें चल रही थी और काफी दिनों से इस बात की प्रतीक्षा थी उसमें उन लोगों को विशेष रूप से सुविधा मिलेगी।
Outsourcing Workers In UP के वेतन मिलने का समय
इन लोगों को एक तारीख से लेकर 5 तारीख तक इनका वेतन मिल जाएगा और जितने भी चाहे जो प्रोविडेंट फंड का जो प्रोविजन है ईएसआई का है वो सब कुछ इनके खाते में ही जाएगा जो उस कार्मिक होगा अर्थात जो किसी न किसी रूप में सेवारत होगा उसी के उसमें जाएगा।
अभी तक क्या होता था कि यह सर्विस प्रोवाइडर के खाते में जाता था और तमाम तरीके की शिकायतें इस बात की मिलती थी कि सर्विस प्रोवाइडर ने यह नहीं किया वह नहीं किया तो उनको तमाम शिकायतों को किसी भी तरीके से ना आए और हर तरह से एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत इन लोगों को सेवा का अवसर मिले और कि अभी तक सरकार तो देती थी
पैसा लेकिन इन लोगों को यह भी शिकायत मिलती थी कि इन लोगों को पूरा पैसा जितना सरकार देती है उतना नहीं मिल पाता। इसलिए हर तरह से इसमें एक पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाने का प्रयास किया गया। साथ-साथ आरक्षण का भी प्रावधान किया गया।
Outsourcing Workers In UP के अन्तर्गत इसमें एससी एसटी ओबीसी भूतपूर्व सैनिक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित दिव्यांगजन महिला आरक्षण का प्रावधान भी इसमें किया गया है। मैंने कहा ना कि तीन वर्ष के लिए किया जाएगा और एजेंसी को और वो लोग कंटिन्यू कर सकते हैं।
जी अगर महिला है तो मैटर मेटरनिटी लीव उसकी व्यवस्था भी की गई है। साथ ही साथ और महीने में 26 दिन से इनसे सेवा ली जाएगी और इनकी अगर मृत्यु हो जाती है तो इनको ₹15,000 इनकी मृत्यु ऊपर देने के बाद अंतिम संस्कार के लिए दिए जाएंगे।
मैं इसलिए कह रहा हूं कि पूरी संवेदन शीलता बरती है सरकार ने इस बात के लिए कि हम जो भी आउटसोर्सिंग के कर्मचारी हैं उनको एक सम्मानजनक मानदेय भी मिले और उनकी सर्विस कंडीशन भी बेहतर हो और आरक्षण का भी लाभ उनको मिले।
Outsourcing Workers In UP में विभागीय मंत्री की सहमती
Outsourcing Workers In UP के लिए इसमें विभिन्न मंत्री या विभागीय मंत्री या जो भी हैं सभी के इसमें टिप्पणी यहां पर दी गई है दोस्तों। तो एक प्रकार से खुशखबरी है और दूसरे प्रकार से यहां पर आपको जो है नियमित नहीं किया गया है। ना ही आपकी जॉब की सुरक्षा है।
सिर्फ यहां पे यही कहा गया है कि 3 साल तक जो है टेंडर होगा। उसके बाद फिर रिन्यूल होगा फिर रिन्यूल होगा। है ना? इसमें ऐसा इसमें कहा गया है दोस्तों। तो दोस्तों ये पूरी अपडेट थी जो हमने आपको बताई है। तो दोस्तों चैनल को सब्सक्राइब जरूर करिएगा।
बाकी आप जानते हैं कि क्या हुआ क्या नहीं हुआ है वो हमने आपको पूरा पहले ही बता चुका हैं और जो खन्ना जी का लेख था वो भी हम चैनल पर डाल चुके हैं तो वो भी आप देख सकते हैं उसमें इन्होंने क्या किया है तो जय हिंद दोस्तों मिलते हैं नये लेख में नई अपडेट के साथ थैंक्स
दोस्तों मेरी इस Outsourcing Workers In UP की जानकारी में अपनी राय और प्रतिक्रिया अवश्य करें। जिससे मैं आयी हुयी कमियों में हम सुधार कर सकें।