Fake finger print: आज के इस दौर की जिन्दगी में हर आदमी अपने कार्य/ स्वयं को सही / Authentic सावित करने के लिए अपने आधार को इधर उधार लेकर जाना पड़ता है। और Fake finger print का शिकार हो जाता है।
बीते कुछ दिनों से लगातार ठगी करने वालों की खबरे आ रही हैं। की बिना OTP /आधार में आँगूंठा लगाये ही बैन्क से पैसे निकाल लिए जा रहे हैं। जिसमें ठगी करने वाले स्कैनरों ने सिलीकाँन के Fake finger print बना ले रहे हैं।
लोगों के आधार नम्बर, डुवव्लीकेट फिन्गरप्रिन्ट / Fake finger print बायोमैट्रिक मशीने और ATM आपरेट किये जा रहे हैं। जिसमें लोगों को लाखों का चूना लगा जा रहा है।
बायोमैट्रिक इन्फार्मेशन का इस्तेमाल
पुष्पेन्द्र सिंह एक फेमस यूटयुवर हैं। उन्होंने बताया की उनकी माँ के अकाउंट से बिना किसी पासबुक, आधार, OTP और फिन्गरप्रिन्ट के लाखों रूपये निकाल लिए गये हैं। और पैसा निकालने का बैन्क की तरफ से कोई SMS / OTP भी नहीं आया है।
इन्होंने जब पासबुक अपडेट कराई तो ठगी का पता चला ये सब हुआ आधार से लिन्क अपनी माँ के फिन्गरप्रिन्ट से, तब उन्होंने कहा ऐसा कैसे हो सकता है। तब पूँछने पर बैन्क मैनेजर ने बताया की बिहार में किसी आधार कार्ड से जुड़ी
बायोमैट्रिक इन्फार्मेशन का इस्तेमाल करके खाते से पैसा निकाल लिया है। इस अकाउंट का कोई डेविट कार्ड भी नहीं है। लेकिन आधार से लेनदेन खाते में पहले से ही इनेबल होता है।
आधार इनेबल्ड पेमेन्ट सर्विस
AePS (Aadhaar enabled payment service) एक बैन्क से पैसे निकालने का तरीका है। आपने कई जगह देखा होगा। की जनसेवा केन्द्र पर लिखा होता है। की आधार से पैसे निकाले जाते हैं। बस इसी को AePS समझ लीजिये।यहाँ पर ये कन्फर्म है की बैन्को की तरफ से AePS सर्विस को खाते से एनेबल नहीं बल्कि आधार एनेबल किया गया है।
NPCI के मुताबिक
कई बैन्कें कुछ कमीशन लेकर इन्हीं को पैसे निकालने की सुविधा दे देते हैं। NPCI के मुताबिक इनको न OTP और न ही बैन्क डिटेल्स की जरुरत होती है। ये आपसे आधार नम्बर और बैन्क का नाम बताकर इनकी ही बायोमैट्रिक मशीन पर अँगूठे का निशान देना होता है।
इसके लिए आपका खाता आधार से जुड़ा हुआ होना चाहिए। बैन्को की तरफ से AePS सर्विस को खाते से एनेबल नहीं बल्कि आधार एनेबल किया गया है। लोगों के आधार नम्बर आसानी से फोटो काँपी में, साँफ्ट काँपी में, इन्टनेट पर उपलब्ध रहते हैं।
और साइबर अपराधी लोगों के बायोमैट्रिक इन्फार्मेशन निकालने के लिए AePS का भी इस्तेमाल करते हैंट्रांजक्शन के लिए ये लोग सिलिकाँन का इस्तेमाल करके AePS की मशीनों के साथ धोखाधड़ी/ Fake finger printकर लेतें हैं। अधिकांशतः लोग फिन्गर प्रिन्ट ही क्लोन करके नेटबैंकिंग के जरिये धोखाधड़ी करते रहते हैं।
धोखाधड़ी से कैसे बचें
पहले अपना आधार लॉक कर देना चाहिए। जिससे उसका उपयोग पैसे के लेनदेन में नहीं किया जा सके। जरुरत पड़ने पर आप अपने आधार (UIDAI और MyAadhaar ऐप वेवसाइट पर जाकर) को अनलॉक भी कर सकते हैं।
इसके लिए आपको पहले 16 डिजिट का वर्चुअल आईडी नम्बर जनरेट करना पडेगा। जो आपको रजिस्टर्ड नम्बर पर sms के माध्यम से मिल जाएगा। उसमें आधार लॉक का आप्शन चुनकर कैप्चा कोड डालकर देख सकते हैं।
यदि आप आधार बायोमैट्रिक डिटेल्स का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करते हैं। तो आप बायोमैट्रिक भी लॉक कर दीजिये। इसका आप्शन UIDAI और MyAadhaar ऐप की वेवसाइट पर मिल जायेगा।
आधार को मास्क करना
मित्रों यदि आप चाहेंगे तो अपने आधार को भी मास्क (पूरे अंक अर्थात 12 डिजिट का न दिखना) कर सकते हैं। ताकि कोई थर्डपर्सन व्यक्ति उसका गलत / fake finger print का उपयोग न कर सके।
धोखाधड़ी होने की स्थिती में क्या करें
RBI के निर्देशों के मुताबिक आधार यूजर्स को सलाह दी जाती है। आप आकर /जाकर तुरन्त बैन्क को सूचित करें। आधार नम्बर पर फोन नम्बर अपडेटेड जरुर रखें आदि।
प्यारे दोस्तों मेरी Fake finger print की जानकारी / बचाव में अपनी राय और प्रतिक्रिया अवश्य करें जिससे इसमें आयी हुयी कमियों में हम सुधार कर सकें।