Income Tax Notice डिपार्टमेंट के भेजे हुए इस नोटिस को देखिए। जिसमें पूछा गया है। इन्क्वारी ऑफ कैश डिपॉजिट और फिर नीचे Income Tax Notice से सम्बन्धित अमाउंट भी लिखा हुआ है।
यह पैसा कहां से आया यह दूसरा नोटिस देखिए यह मोबाइल पर आया हुआ टेक्स्ट मैसेज है। जिसमें लिखा हुआ है। कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आइडेंटिफिकेशन इस नोटिस में भी आइडेंटिफिकेशन ऐसे ही ना जाने कितने ही लोगों के पास नोटिस गए हैं। और फिर उन्हें कुछ गलत ना करते हुए भी सिर्फ जानकारी के अभाव में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आप भी उनमें से एक हो सकते हैं। या फिर आने वाले फाइनेंशियल ईयर्स में आपका नंबर भी आ सकता है। क्योंकि देखिए सेविंग अकाउंट हम सबके पास है। कुछ लोगों के पास तो एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट भी रहते हैं। लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सेविंग अकाउंट से जुड़े कुछ नियम बना रखे हैं। जो अगर हम फॉलो नहीं करेंगे तो फिर हमें Income Tax Notice आएंगे ही और 400 पर तक की हैवी पेनल्टी भी हमें देनी पड़ सकती हैं।
तो दोस्तों इस लेख को आप बिल्कुल भी स्किप मत करना क्योंकि हम इसमें आपको वह सारे रूल्स बताएंगे। और समझाएंगे जिनको अगर आप अपने सेविंग अकाउंट में फॉलो करोगे तो ना तो आपको कोई नोटिस आएगा। और ना ही कोई पेनल्टी पे भरनी पड़ेगी। और साथ ही साथ जानकारी अगर आपको अच्छी न लगे तो लेख को लाइक जरूर कर दीजिएगा। अच्छी लगे तो निराश मत होना।
हम आपको सेविंग अकाउंट से जुड़े इनकम टैक्स के सारे नियम बताएंगे। एक दिन में आप कितना कैश जमा कर सकते हैं। एक साल में कितना कैश जमा कर सकते हैं। यूपीआई से आप कितना पैसा सेंड और रिसीव कर सकते हैं।
एक व्यक्ति कितने भी अकाउंट ओपन कर सकतें हैं। क्योंकि आजकल देखिए जीरो बैलेंस पर सेविंग अकाउंट ओपन किए जा रहे हैं। तो लोग एक से ज्यादा भी सेविंग अकाउंट ओपन करवा रहे हैं। इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी हम बात करेंगे। तो चलिए आज का लेख को बताना शुरू करते हैं। यहां से सबसे पहले पहले बात करते हैं।
एक फाइनेंशियल ईयर में कितने रुपए आप सेविंग अकाउंट में कैश जमा या निकासी कर सकते हैं। यानी डिपॉजिट या विड्रॉल कर सकते हैं। कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आपको कोई नोटिस ना आए। तो दोस्तों इनकम टैक्स की वेबसाइट पर बिल्कुल साफ-साफ शब्दों में यह लिखा हुआ है।
एक व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में ₹1 लाख डिपॉजिट या विथड्रावल कर सकता है। और यह 10 लाख की लिमिट किसी एक सिंगल ट्रांजैक्शन की नहीं है। यह आपके पूरे फाइनेंशियल ईयर के ट्रांजैक्शंस को मिलाकर है।
इसमें थोड़ा हम आपको समझाते हैं। पर उससे पहले एक चीज यहां पे आपको दिमाग में आई होगी। कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कैसे पता चलेगा। कि आपने अपने खाते में कितने पैसे डिपॉजिट किए हैं। या विड्रॉ किए हैं। तो यहां पे रोल आता है।
आपका जिस बैंक में आपका खाता है। और जहां पर आपने अपना पैन कार्ड लिंक करवा रखा है। अपने खाते से आपने अगर ₹10 लाख की लिमिट क्रॉस की तो बैंक इसकी इंफॉर्मेशन Income Tax Notice के लिए Income Tax डिपार्टमेंट को भेज देता है।
अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके आईटीआर को चेक करता है। उसको मैच करता है आपके इन ट्रांजैक्शन से और अगर उनको कुछ सस्पिशंस के लिए आपको नोटिस भेज सकते हैं। तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कैसे पता लगेगा। यह बात यहां पर क्लियर हो गई अब हम वापस चलते हैं। अपने ₹10 लाख की लिमिट पर और उसको समझते हैं। तो इसको एक एग्जांपल से हम समझते हैं। मान लेते हैं कि
आपका एक पीएनबी में खाता है। और उसमें आपने एक सिंगल ट्रांजैक्शन में ₹1 लाख डिपॉजिट कर दिए और ₹ लाख उसमें आपने इसे विड्रॉ कर लिए तो यहां पर डिपॉजिट की लिमिट जो ₹10 लाख है। वह आपने क्रॉस कर दी तो इसकी इंफॉर्मेशन बैंक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दे देगा एक दूसरा केस लेते हैं। जिसमें आपने मल्टीपल ट्रांजैक्शंस यानी कई बार कैश डिपॉजिट किया।
अपने पीएनबी के सेविंग अकाउंट में कभी 2 लाख किया कभी 3 लाख किया कभी चार और कभी 5 लाख ऐसे करके और उसमें से आपने ₹ लाख विड्रॉ कर लिए तो इस केस में भी आपने डिपॉजिट की जो लिमिट है। उसको एक्सीड कर दिया सारे इन ट्रांजैक्शंस की लिमिट मिलाकर 10 लाख के ऊपर चली गई तो इसकी इफ फॉर्मेशन भी बैंक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को रिपोर्ट करेगा। अब एक तीसरा केस हम लेते हैं।
जिसमें मान लेते हैं। कि आपने ₹ लाख पीएनबी में डिपॉजिट किए और ₹ लाख ही विड्रॉ कर दिए लेकिन आपका एक सेविंग अकाउंट बैंक ऑफ इंडिया में भी है। जिसमें से आपने ₹ लाख का कैश विड्रॉल किया है। तो यहां पे भी देखिए जो विड्रॉल की लिमिट है। ₹ लाख की वो आपने ब्रिज की है। तो इस केस में भी चांसेस हैं। कि आपको नोटिस भेजा जाए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से देखिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजता क्यों है। वो नोटिस इसलिए भेजते हैं।
कि जब उनके पास आपके यह ट्रांजैक्शंस रिपोर्ट होते हैं। तो वह इन ट्रांजैक्शंस को आपके आईटीआर से मैच करते हैं। जो आपने फाइल किया है। और अगर उनको कुछ उसमें सस्पिशंस गड़बड़ी पाई जाती है। जरूरी नहीं है कि आपने कुछ गलती किया अगर उनको लग भी रहा है। सस्पिशंस के द्वारा वह आपसे क्लेरिफिकेशन मांगते हैं।
इन ट्रांजैक्शंस का अब आप हो सकता है। कोई ऐसा बिजनेस करते हो या कोई और रीजन हो जिससे आपने यह इतने बड़े अमाउंट के डिपॉजिट या विड्रॉल किए हैं। तो अगर आप इन अमाउंट्स को डिपॉजिट या विड्रोल्स को एक्सप्लेन कर देते हैं। उनको तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर आप इनको एक्सप्लेन नहीं कर पाते हैं। तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसको मान लेता है।
अनएक्सप्लेंड कैश क्रेडिट और अब उनको पूरी छूट है। इस अमाउंट पर अपनी पेनल्टी इंपोज करने की जो कि काफी हैवी 400 तक भी हो सकती हैं। अब हम बात करते हैं। अपने दूसरे पॉइंट की कि
एक दिन में कितना कैश हम डिपॉजिट कर सकते हैं। तो इसकी लिमिट है ₹ लाख ₹ लाख कैश हम एक दिन में डिपॉजिट कर सकते हैं। और अगर 2 लाख से ज्यादा आप कैश डिपॉजिट करते हो एक दिन में तो उस दशा में आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है। अब हम बात करते हैं। कि एक व्यक्ति कितने सेविंग अकाउंट रख सकता है तो दोस्तों हम आपको बताना चाहते हैं।
इसकी कोई लिमिट नहीं है। ना ही आरबीआई के द्वारा ना ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा ना ही ऐसा कोई रूल हैं। जिसमें लिखा हो कि आप इतने ही सेविंग अकाउंट रख सकते हैं। आपकी जितनी मर्जी हो उतने सेविंग अकाउंट आप रख सकते हैं। उसमें इनकम टैक्स को कोई भी दिक्कत नहीं है। हां यहां पर हम आपको बताना चाहते हैं।
कि ज्यादा सेविंग अकाउंट रखने के कुछ फायदे भी हैं। कुछ नुकसान भी हैं। इसके ऊपर हमने एक अलग से डिटेल में लेख लिखेंगे। जिसमें हमने एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट रखने के फायदे और नुकसान अच्छे से समझाए हैं। उस ले का लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा। और ऊपर देखिए राइट कॉर्नर में आई बटन में भी उसका लिंक आ रहा है। आप चाहो तो उसको देख सकते हो।
दोस्तों अब हम बात करते हैं। यूपीआई की यूपीआई से हम कितने पैसे सेंड या रिसीव कर सकते हैं। कि इनकम टैक्स की कोई दिक्कत ना हो तो इसके लिए भी देखिए। ऐसी कोई भी गाइडलाइन इनकम टैक्स ट्यूटोरियल में नहीं है। कि आप इतने रुपए सेंड कर सकते हैं। या इतने रुपए रिसीव कर सकते हैं। एक फाइनेंशियल ईयर में देखो बात जहां तक सेंड करने की है। तो आपका पैसा है। आपके सेविंग अकाउंट में है। आप किसी को भी कितना भी पैसा सेंड कर सकते हो लेकिन दिक्कत आती है। रिसीव करने में तो
Income Tax Notice का अगर आपका कोई छोटा-मोटा बिजनेस है। और उसका पैसा आप अपने सेविंग अकाउंट में ले रहे हैं। तो आज से ही उसको लेना बंद कर दीजिए। क्योंकि सेविंग अकाउंट आपके पर्सनल यूज के लिए होता है। बिजनेस के लिए नहीं बिजनेस के लिए आपको करंट अकाउंट ओपन करवाना चाहिए। बिजनेस का ₹ का ट्रांजैक्शन भी आप सेविंग अकाउंट से नहीं कर सकते हैं। आप अगर ऐसा कर रहे हैं।
बिजनेस का पैसा सेविंग अकाउंट में ले रहे हैं। और Income Tax डिपार्टमेंट का कोई नोटिस आ जाता है। और फिर उनको आप ये एक्सप्लेन करते हैं। कि यह पैसा तो आपके बिजनेस से आया है। आप कोई सामान बेचते हैं। उसके बदले में आपको ये पैसा मिला है। तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी ये बात नहीं मानेगा। क्योंकि सेविंग अकाउंट में आपने जो पैसा लिया है।
वह उसको आपकी इनकम ही मान लेगा तो अगर आप भी सेविंग अकाउंट में बिजनेस का पैसा ले रहे हैं। तो बंद कर दीजिए इसे आज से ही और अपना एक करंट अकाउंट ओपन करवा लीजिए। और उसी में आप यूपीआई एक्टिवेट कर लीजिए। और बिजनेस का पैसा आप करंट अकाउंट में लेना शुरू कर दीजिए।
तो दोस्तों इस लेख में इतना ही था। अगर आपको कुछ हमने नहीं बताया जो आप जानना चाहते हैं। तो कमेंट करके आप पूछ सकते हैं। लेख को लाइक जरूर कर दीजिएगा हम मिलते हैं। जल्दी से किसी और इंफॉर्मेशन के साथ ताकि आपकी सेवा इसी तरीके से करते रहें।
दोस्तों मेरी इस Income Tax Notice की जानकारी में अपनी राय और प्रतिक्रिया अवश्य करें। जिससे मैं आयी हुयी कमियों में हम सुधार कर सकें।
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