Online Transaction

Online Transaction लिमिट से ज्यादा करना हो सकता है नुकसान यहाँ देखें

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Online Transaction के बारे में

दोस्तों क्या आप भी Online Transaction लिमिट से ज्यादा करते हो यानी डिजिटल पेमेंट्स या फिर Online Transaction या यूपीआई ट्रांजैक्शन तो दोस्तों इस लेख के अंदर मैं आपको पूरा डिटेल Online Transaction की बताने जा रहा हूं।

अगर आप यह सब अपने बैंक खाता लिमिट से ज्यादा ट्रांजैक्शंस करते हैं। तो इसका इनकम टैक्स विभाग से आपके ऊपर क्या इफेक्ट / प्रभाव आएगा। दोस्तों यह लेख बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट होने वाला है। मैं आशा करूंगा इस लेख को आप पूरा पढ़ें।

नमस्कार दोस्तों मैं आपका स्वागत करता हूं। यहां पे मुद्दा सारा क्या आता है कि जो भी सेंडर है। जो भी व्यक्ति पर्सन यहां से एक पेमेंट कर रहा है। दूसरे पर्सन को यानी कि सेंडर के पॉइंट ऑफ व्यू से देखा जाए। तो वो अपने यहां से एंट्री कर देगा। क्योंकि उसकी बुक्स में क्या होगा।

उसके बैंक में क्या होगा वो जो एंट्री है। वो डेबिट यानी कट हो जाएगी। तो डेबिट को तो वो अपने यहां पे क्या दिखा सकता है। अपना वहाँ पर खर्चा दिखा सकता है। लेकिन मुद्दा यहां पे आता है। जो पर्सन / व्यक्ति पैसा रिसीव कर रहा है। जो पैसा जिसके अकाउंट में क्रेडिट हो रहा है। ओ उसके लिए इनकम ना मानी जाए।

तो दोस्तों अगर आप ज्यादा Online Transaction करते हो यूपीआई में क्योंकि आँफिशियली क्या हो गया है। पिछले दो सालों से देखा जाए तो लॉकडाउन के बाद से ही मार्केट में ज्यादा डिजिटल पेमेंट्स का यूज हो रहा है। Online Transaction ज्यादा हो रहें हैं।

आप कहीं भी आज के टाइम में चले जाओ आप इवन सब्जी वाले के पास भी जाओगे तो वो उसको भी क्या कर सकते हो आप वो आपका एक्सपेंस का पार्ट है। या नहीं है तो गाइज ये आपको ध्यान रखना है। अब इसके अंदर मैं दो चीजें यहां पे ऐड करना चाहूंगा।

पहले तो जो आप सेविंग अकाउंट को आप यूज करते हो अपने यूपीआई में और दूसरा आप बिजनेस अकाउंट को यूज़ कर रहे हो यूपीआई में चलो मैं बात करता हूं।

Online Transaction सेविंग अकाउंट के द्वारा

आँफिशियली आप सेविंग अकाउंट को अपने किस पर्पस / उद्देश्य के लिए यूज़ / इस्तेमाल करोगे। अपने पर्सनल खर्चों के लिए यूज़ करोगे या पर्सनल इनकम आपकी कोई सैलरी इनकम तो नहीं है। आपकी इनकम तो आपके सेविंग अकाउंट में आएगी। लेकिन यहां पे दोस्तों पॉइंट दूसरा क्या आता है।Online Transaction

जब वही आपके सेविंग अकाउंट में ओ लोग क्या करते हैं। मल्टीपल ट्रांजैक्शंस / लिमिट से ज्यादा आपके अकाउंट में चालू कर देते हैं। मान लो कोई पर्सन की ₹ लाख सैलरी है। तो उसके अकाउंट में क्रेडिट क्या आ गया 10 लाख की सैलरी आ गई।

अब उसने कोई भी यूपीआई पेमेंट करा कोई भी हो तो google-my में पोइन्ट आँफ व्यू के हिसाब से देखा जाए। तो आपको अपने बिजनेस अकाउंट से आप अपने पर्सनल खर्चों को नहीं करना चाहिए। क्योंकि आपने वो सेविंग अकाउंट यूज़ करना है। जो आप खर्चा कर रहे हो या जो भी आपके अकाउंट में पैसे आ रहे हैं।

उन सबका आपके पास लिखित रिकॉर्ड होना चाहिए। कि वो पैसा आया कहां से और पैसा गया कहां पर है। क्योंकि ये सब चीजें हमारी इनकम टैक्स रिटर्न से जस्टिफाई होनी चाहिए।

Online Transaction की यूपीआई लिमिट

अब दोस्तों मैं बात करता हूं कि यूपीआई लिमिट बेसिकली कितनी होती है। तो दोस्तों ये बैंक टू बैंक डिपेंड करता है। जैसे कि आप कोई भी बैंक अपने paytm से ज्यादा की Online Transaction नहीं कर सकते हो। तो दोस्तों ये आपके बैंक के यूपीआई लिमिट के ऊपर डिपेंड करता है। कि आप उसमे कितनी Online Transaction कर सकते हो।Online Transaction

बेसिकली पॉइंट ये है। कि जब भी आप इतनी Online Transaction कर रहे हो। तो मैं ये नहीं कह रहा हूँ। कि आप नहीं कर सकते हो। आप जितना मर्जी हो अपने अकाउंट से Online Transaction कर सकते हो।

लेकिन द कंसर्न इज दैट कि आपको उन सब Online Transaction का लेखा झोखा आपके पास होना चाहिए। कि भाई मेरे पास जो क्रेडिट में पैसा आया है। क्या मेरी इनकम तो नहीं है। या पैसा जो गया है। क्या मेरा वो खर्चा है। अगर खर्चा है तो किस तरह का आपका खर्चा है।

तो दोस्तों ये आपको पूरा ध्यान रखना है। कि आप जब भी किसी ऐप के अंदर अपना अकाउंट क्रिएट करते हो चाहे वो paytm2 करने के लिए बोलता है। यानी कि आपको वहां पे अपनी केवाईसी का जो वेरिफिकेशन है। वो करनी होती है। जो कि ओबवियसली आपके बेसिस पे होती है।

आपके पैन कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के बेसिस पर होती है। तो दोस्तों सीधा-सीधा जो इसका लिंक है वह हमारे बैंक अकाउंट्स के साथ है। क्योंकि बैंक्स में भी आपने ई केवाईसी करा रखी है। बैंक के अंदर भी केवाईसी कर रखी है। और आपके जो जो ये एप्स है। इनके अंदर भी केवाईसी होती है। तो इसका मतलब दोस्तों यह है।

जो भी आप Online Transaction कर रहे हो वो सब गवर्नमेंट के अंडर में और गवर्नमेंट की निगरानी में आप कर रहे हो। तो गाइज ये Transaction आपको ध्यान रखना है। कि जो भी आप पैसा रिसीव कर रहे हो अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में उसको जरूर दिखाएं। आशा करता हूं की ये लेख आपको पसंद आई होगी।

अगर आपको इस लेख से कुछ भी कुवैरी / प्रश्न है। जो कुछ भी सजेशंस है। आप नीचे कमेंट बॉक्स में डाल सकते हैं। हमारी टीम आप तक पहुंच के उसका रिप्लाई करेगी। और दोस्तों अगर आप चैनल पे नए हो तो लेख या जानकारी को लाइक करके शेयर जरुर करें। और दोस्तों चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूलें नीचे लाल बटन है। उसको दबाएं ताकि ऐसे इनफॉर्मेटिव लेख आपको टाइम टाइम प मिलती रहे।

दोस्तों मेरी इस Online Transaction की जानकारी में अपनी राय और प्रतिक्रिया अवश्य करें। जिससे मैं आयी हुयी कमियों में हम सुधार कर सकें।

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