Retirement fund hoga tax free में नेशनल पेंशन सिस्टम यानी कि NPS से जुड़े करोड़ों सब्सक्राइबर्स के लिए हाल ही में एक साथ खुशखबरी और Retirement fund hoga tax free दोनों सामने आई।
Retirement fund hoga tax free के बारे में
Retirement fund hoga tax free में खुशखबरी यह है कि रिटायरमेंट के समय अब ज्यादा पैसे हाथ में मिल सकेंगे। लेकिन उलझन ये है कि इस अतिरिक्त रकम पर टैक्स लगेगा या नहीं इसको लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं है। तो आइए इस मामले को पूरा समझ लेते हैं आसान भाषा में और छोटे-छोटे उदाहरणों के साथ आपको समझा देते हैं इन सारे सवालों के जवाब।
तो सबसे पहले यहां ये समझना जरूरी है कि एनपीएस आखिर क्या है और एनपीएस में क्या कुछ बदल गया है। अब पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण यानी कि पीएफआरडीए ने एनपीएस के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत गैर सरकारी यानी कि प्राइवेट कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अब अपने कुल जमा फंड का 80% हिस्सा एक मु निकालने की अनुमति दी गई है।
Retirement fund hoga tax free में पहले
Retirement fund hoga tax free में पहले यह सीमा केवल 60% थी। इसके लिए पीएफआरडीआई एग्जिट्स एंड विड्रॉल अंडर एनपीएस अमेंडमेंट रेगुलेशन 2025 को आधिकारिक तौर पर नोटिफाई भी कर दिया गया है। अब यहां समझना जरूरी है कि पुरानी व्यवस्था में क्या कुछ था जो सबसे बड़ा सवाल है। पुरानी व्यवस्था में रिटायरमेंट के समय अधिकतम 60% राशि नकद निकाली जा सकती थी।
जबकि बाकी 40% से अनिवार्य रूप से एनयूटी खरीदनी पड़ती थी। एनयूटी के जरिए हर महीने पेंशन मिलती थी। लेकिन एक मु्त बड़ी रकम हाथ में नहीं आ पाती थी। अब नए नियम में यह समीकरण बदल गया है। अब 80% राशि नगद निकाली जा सकेगी और सिर्फ 20% की एन्यूटी लेना जरूरी होगा।
Retirement fund hoga tax free का उदाहरण के तौर पर यदि किसी का कुल एनपीएस फंड ₹1 करोड़ है तो पहले उसे ₹60 लाख नगद और ₹40 लाख एन्यूटी लेनी पड़ती थी। जबकि वह अब ₹80 लाख नगद और केवल ₹20 लाख की एन्यूटी ले सकेगा। हालांकि यहीं से असली उलझन भी शुरू हो जाती है। टैक्स को लेकर।
दरअसल पीएफआरडीए ने भले ही निकासी के नियम बदल दिए हो लेकिन टैक्स से जुड़े नियम आयकर कानून के तहत आते हैं जिन्हें वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी तय करता है। मौजूदा आयकर अधिनियम की धारा 10 के 12 ए के अनुसार एनपीएस से निकाली गई केवल 60% राशि ही टैक्स फ्री मानी जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति नए नियम के तहत 80% राशि निकालता है तो अतिरिक्त 20% पर टैक्स लग सकता है।
Retirement fund hoga tax free बजट निकलने की सीमा
Retirement fund hoga tax free में इसे एक सरल उदाहरण से समझाएं तो अब मान लीजिए किसी की कुलएनपीएस फंड ₹50 लाख है और वह 80% यानी ₹40 लाख निकालता है। इसमें से ₹ लाख जो कि 60% है तो वह तो टैक्स फ्री हो जाएंगे लेकिन बाकी ₹1 लाख उसकी सालाना आय में जुड़ सकते हैं।
अगर वह 30% टैक्स स्लैब में आता है तो उसे इस अतिरिक्त रकम पर लगभग ₹3 लाख तक का टैक्स देना पड़ सकता है और यही वह कारण है कि विशेषज्ञ फिलहाल सतर्क रहने की इसमें सलाह दे रहे हैं। फंड की राशि के आधार पर निकासी के नियम भी अलग-अलग हैं।
यदि किसी का कुल एनपीएस फंड ₹8 लाख है या उससे कम है तो वह पूरा पैसा एक मु निकाल सकता है और उसे एनडीटी लेने की कोई बाध्यता नहीं होगी। पहले यह सीमा ₹5 लाख थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है। अगर फंड 8 से ₹12 लाख के बीच है तो अधिकतम ₹6 लाख एक मोच निकाले जा सकते हैं और बाकी रकम एन्यूटी लेनी होगी या चरणबद्ध निकासी करनी होगी।
Retirement fund hoga tax free में वहीं ₹12 लाख से अधिक फंड होने पर अधिकतम 80% नकद निकासी और कम से कम 20% एनयटी अनिवार्य रहती है। अब यहां एक और अहम बदलाव है। अब एनपीएस पर लोन लेने की सुविधा भी दे दी गई है। नए नियमों के तहत सब्सक्राइबर्स अपनी एनपीएस जमा राशि की गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं।
वे अपने द्वारा जमा किए गए योगदान का 25% तक लोन या वित्तीय सहायता के लिए लेन के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल इमरजेंसी या अन्य जरूरतों के लिए एनपीएस अकाउंट तोड़ने की मजबूरी कम हो जाएगी। इसके अलावा एनपीएस में निवेश के लिए बैलेंस लाइफ साइकिल फंड नाम का एक नया विकल्प भी पेश किया गया है।
Retirement fund hoga tax free में 2026 का नियम
Retirement fund hoga tax free में यह विकल्प 1 अक्टूबर 2025 से आपको बता दें पहले ही लागू हो चुका है। पहले ऑटो चॉइस विकल्प में 35 या 50 साल की उम्र के बाद इक्विटी का हिस्सा घटने लगता था। लेकिन नए बैलेंस लाइफ साइकिल फंड में 45 साल की उम्र तक इक्विटी का हिस्सा 50% पर स्थिर रहता है और उसके बाद धीरे-धीरे ये कम होता रहता है।
ये उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो रिटायरमेंट के करीब भी थोड़ा ज्यादा रिटर्न चाहते हैं। अब यहां ध्यान रखना यह भी जरूरी है कि नए नियम 60 साल से पहले एनपीएस छोड़ने यानी प्रीमेच्योर एग्जिट की स्थिति में लागू नहीं होते हैं। अगर कोई व्यक्ति 60 साल की उम्र से पहले या निर्धारित सेवावधि से पहले एनपीएस बंद करता है तो पुराने नियम ही लागू होंगे।
ऐसे में केवल 20% राशि नगद मिलेगी। 80% से अनिवार्य रूप से एनयूटी खरीदनी होगी।हालांकि यदि फंड ₹5 लाख से कम है तो पूरा पैसा आप निकाल सकते हैं। कुल मिलाकर पीएफआरडीए ने एनपीएस को पहले के मुकाबले में ज्यादा लचीला और आकर्षक बना दिया है। इससे रिटायरमेंट के बाद नगदी की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
लेकिन टैक्स नियमों में बदलाव ना होने की वजह से 80% निकासी का विकल्प फिलहाल पूरी राहत नहीं देता है। विशेषज्ञों की राय है कि जब तक सरकार आयकर कानून में स्पष्ट संशोधन नहीं करती है तब तक निवेशकों को 7% निकासी की ही सीमित रहनी चाहिए। सही मायनों में फायदा तभी मिलेगा जब टैक्स और पेंशन दोनों नियम एक दूसरे के अनुरूप होंगे।
Retirement fund hoga tax free में इसके विशेषज्ञ
Retirement fund hoga tax free में अब विशेषज्ञों का मानना है कि पीएफआरडीए ने एनपीएस को ज्यादा लिक्विड और आकर्षक जरूर बना दिया है। लगभग एफडी और पीपीएफ जैसा जरूर बना दिया है। लेकिन जब तक इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव नहीं किए जाते हैं तब तक 80% निकासी पूरी राहत नहीं है।
तो यहां पर समझदारी भरी सलाह यही है कि टैक्स नियम साफ होने तक 60% निकासी तक ही सीमित रहें। जल्दबाजी में फैसला लेने से टैक्स का भारी बोझ आप पर पड़ सकता है। एनपीएस लचीला जरूर हुआ है लेकिन असली फायदा तभी मिलेगा जब यह टैक्स नियम भी बदलते हुए नजर आएंगे। अब आपके जो कुछ भी सवाल है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें। हम उसके जवाब आपको जरूर देंगे।
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